विद्यालय के जर्जर भवन में चल रही कक्षाएं

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सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भी प्राथमिक विद्यालयों से संबंधित अधिकारियों द्वारा विधालयों की अनदेखी की जा रही है। जिसके चलते स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और स्टाफ को अपनी जान जोखिम में डालकर पठन-पाठन क्रिया को चलाना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला है अफज़लगढ़ ब्लाॅक क्षेत्र के गांव भागीजोत का जहां विद्यालय के जर्जर भवन में ही कक्षाएं चल रही हैं। जानकारी के अनुसार विद्यालय भवन का निर्माण करीब 1 दशक पूर्व कराया गया था जिसमें एक कमरे की दीवार में तो निर्माण के कुछ समय बाद ही दरार आ गई थी। जिसके बाद बच्चों की कक्षा को दूसरे कमरे में स्थानान्तरित कर दिया गया था और उस कमरे को ऑफिस के रूप में प्रयोग किया जाने लगा। जिसमें प्रधानाध्यपक और अन्य शिक्षक बैठते हैं और बच्चे भी आते जाते रहते हैं। दीवार में आई दरार के कारण विद्यालय भवन कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है और बच्चों तथा विद्यालय के स्टाफ को भी खतरा बना हुआ है।
विद्यालय की प्रधानाचार्य सरला देवी ने बताया कि इस सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया जा चुका है शीघ्र ही दीवारों की मरम्मत कराने का प्रयास किया जायेगा।
वहीं इस मामले में उपजिलाधिकारी धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस संबंध में जानकारी लेकर समस्या का समाधान कराया जायेगा।

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