जमीन घोटाले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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करोड़ो की जमीन पर शहर के बड़े उद्योग पति और वकील की नजर

दलित की जमीन की उद्योगपति और वकील ने कराई फर्जी तरीके से वसीयत। करोड़ो की जमीन की श्रेणी बदले जाने के दौरान हुआ फर्जीवाड़े का ख़ुलासा। एसडीएम सदर के आदेश पर जाँच हुई तो उद्योगपति पंकज और वकील अवधेश का फर्जीवाड़ा हुआ उजागर। राजस्व विभाग ने उद्योगपति और वकील के खिलाफ थाना शहर कोतवाली मे धोखाधड़ी की धाराओं मे कराया मुकदमा दर्ज।

बिजनौर के राजस्व विभाग ने एक ऐसा फर्जीवाड़ा उजागर किया जिसमे जिले के नामचीन वरिष्ठ वकील अवधेश कुमार और चांदपुर के प्रसिद्ध उद्योग पति पंकज चौधरी का कारनामा सुनकर और देखकर आप हैरत मे पड़ जायेंगे। दरअसल आज से ठीक 6 साल पहले थाना शहर कोतवाली इलाके के रहने वाले दलित कलवा सिंह की करोड़ो की लगभग 6 बीघा जमीन पर वरिष्ठ वकील अवधेश और उद्योगपति पंकज चौधरी की निगाह पड़ गयी और ये दोनों उक्त करोड़ो की जमीन को हासिल करना चाहते थे। वकील अवधेश ने 27 अप्रैल 2016 को दलित कलवा सिंह से सारी जमीन की फर्जी तरीके से वसीयत अपने नाम करा ली और इस वसीयत मे गवाह उद्योगपति पंकज और विवेक को बनाया गया।

इतना ही नहीं वसीयत मे कलवा सिंह की जाति को भी नहीं उजागर किया गया जबकि नियमों के मुताबिक किसी भी दलित की जमीन की वसीयत तभी हों सकती है ज़ब जिले के डीएम से अनुमति मिल जाये लेकिन इस मामले मे जाति को छुपाकर पूरा खेल खेला गया। इतना ही नहीं वसीयत मे कलवा सिंह के बच्चे और पत्नी का होना भी छुपाया गया।

उक्त जमीन का दाखिल ख़ारिज करने के दौरान भी तत्कालीन लेखपाल और तहसीलदार ने भी नियमो को ताक पर रखकर तारीख 9 जुलाई 2020 को दाखिल ख़ारिज कर दिया गया। जमीन का दाखिल ख़ारिज दलित कलवा सिंह की मौत होने के बाद किया गया और कलवा सिंह के मृत्यु प्रमाण पत्र मे माँ, पत्नी और आधार नंबर का कालम खाली रखा गया।

करोड़ो की इस जमीन के फर्जीवाड़े का पता भी न चलता अगर वकील अवधेश उक्त जमीन की श्रेणी बदले जाने की अपील न करते तो इस खेल का पर्दाफाश भी न होता।

शहर के नजदीक खेती की जमीन पर प्लाटिंग करने के लिए उक्त जमीन की श्रेणी बदली जानी जरूरी थी तो वकील अवधेश कुमार ने न्यायिक तहसीलदार कमलेश कुमार की अदालत मे जमीन की श्रेणी बदले जाने की अपील दायर की तो न्यायिक तहसीलदार ने फर्जीवाड़ा पकड़ लिया और तत्कालीन तहसीलदार प्रीति सिंह द्वारा 9 जुलाई 2020 को किये गए दाखिल ख़ारिज को अवैध मानते हुए दाखिल ख़ारिज को निरस्त कर दिया और संबंधित तत्कालीन लेखपाल के खिलाफ विभागीय जाँच के आदेश जारी कर दिए। राजस्व विभाग ने उक्त करोड़ो की जमीन को जिला अधिकारी से अटैच कर दी है अब उक्त करोड़ो की भूमि पर डीएम का हक होगा। राजस्व विभाग ने फर्जीवाड़ा करने वाले वकील अवधेश कुमार गवाह पंकज चौधरी और दूसरे गवाह विवेक के खिलाफ धोखाधड़ी करने और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने की साजिश रचने की धाराओं मे थाना शहर कोतवाली मे मुकदमा दर्ज कराया है

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